नीतू सिंह

हैप्पी बर्थ डे नीतू सिंह कपूर ! “द गर्ल नेक्स्ट डोर” जिसने छोटी सी उम्र में शोहरत की बुलंदियों को छुआ और फिर सिर्फ़ 21 साल की उम्र में फ़िल्मों को टा-टा बाय-बाय कह दिया।

एक छोटा सा क्लासरुम जिसमें सभी छोटे बच्चों के साथ दो हमशक्ल लड़कियाँ है। एक रिबन वाली दो चोटी बनाए प्यारी सी मुस्कान लिए और दूसरी पोनीटेल वाली थोड़ी नकचढ़ी।

नीतू सिंह

इस दृश्य के साथ ही याद आता है एक गाना ‘बच्चे मन के सच्चे सारे जग की आँखों के तारे” ये छोटी सी बच्ची जिसने “दो कलियाँ” फ़िल्म में डबल रोल किया था, आज 63 साल की हो गई है, हाँलाकि उन्होंने खुद को इस तरह से मेन्टेन किया है कि उन्हें देखकर लगता नहीं है कि वो नानी बन चुकी हैं और अब दादी भी बनने वाली हैं। हिंदी फ़िल्मों की चुलबुली, प्यारी सी अभिनेत्री नीतू सिंह जो कभी किसी रैट-रेस का हिस्सा नहीं रहीं।

नीतू सिंह / कपूर की हाल में उनकी एक फ़िल्म रिलीज़ हुई है “जुग-जुग जियो” जिसे रिस्पांस भी अच्छा मिल रहा है। उनके जन्मदिन (8 July 1958) के अवसर पर उनकी ज़िंदगी के पन्नों को पलट के देखते हैं। 

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नीतू सिंह की फ़िल्मों में एंट्री हुई बेबी सोनिया के नाम से 

8 जुलाई 1958 को दिल्ली में जन्मी हरमीत कौर दर्शन सिंह और राजी कौर की एकलौती औलाद थीं। मगर जब हरमीत छोटी ही थीं तभी उनके पिता की मौत हो गई। वो लोग बॉम्बे घूमने जाते थे तो लोग उस बच्ची से अट्रैक्ट हो जाते थे। उन्हीं दिनों वैजयंती माला की नज़र उन पर पड़ी और फिर वो बेबी सोनिया के नाम से “सूरज” फ़िल्म में दिखाई दीं। फिर लगातार ऑफर्स आने लगे तो उनकी माँ और वो दिल्ली से बॉम्बे शिफ़्ट हो गए। उस वक़्त परिवार की ज़रुरतें भी थीं और कुछ उनकी माँ की महत्वाकांक्षा भी। इसी वजह से सिर्फ़ पाँच साल की उम्र में वो इस ग्लैमरस दुनिया का हिस्सा बन गईं।

“सूरज” के बाद नीतू सिंह फ़िल्म “दस लाख” में नज़र आईं। लेकिन बतौर बाल कलाकार वो सबकी चहेती बनी फ़िल्म “दो कलियाँ” से जिसमें उनका डबल रोल था, दोनों ही रोल उन्होंने बहुत ख़ूबी से निभाए। कहते हैं कि “दो कलियाँ” देखने के लिए यंग ऋषि कपूर ने स्कूल बंक किया था। यानी दिलों के तार बचपन से ही जुड़ गए थे। बतौर बाल कलाकार वारिस, घर-घर की कहानी और पवित्र पापी जैसी कुछ फ़िल्में करने के बाद नीतू सिंह “रिक्शावाला” फिल्म में लीड रोल में दिखीं। ये फ़िल्म तो नहीं चली लेकिन यहीं से उनके हेरोइन के करियर की शुरुआत हो गई थी।

नीतू सिंह

“यादों की बारात” में ग्लैमरस ड्रेस पहने स्टेज पर थिरकती हुए वो एकदम अलग अंदाज़ में नज़र आईं, फिल्म में उनके ज़्यादा सीन नहीं थे मगर उन्हें बहुत पसंद किया गया। नीतू सिंह की पहली सुपरहिट फ़िल्म आई 1975 में “खेल-खेल में” इस फिल्म में उन्होंने एक कॉलेज गर्ल का किरदार निभाया था हाँलाकि उन्हें कभी कॉलेज जाने का मौक़ा नहीं मिल पाया मगर उनकी और ऋषि कपूर की जोड़ी इस फिल्म के साथ ऐसी हिट हुई कि फिर इस जोड़ी की क़रीब 11 फ़िल्में आईं। लेकिन नीतू कपूर को अपनी इस जोड़ी का जो गाना बहुत पसंद है, वो है  फ़िल्म “खेल-खेल में” का-‘खुल्लम खुल्ला प्यार करेंगे हम दोनों’ 

ऐसे शुरु हुई खुल्लम खुल्ला प्यार की कहानी 

बॉबी की रिलीज़ के बाद डिम्पल कपाड़िया और ऋषि कपूर की जोड़ी रातों रात सेंसेशन बन गई थीं मगर जब डिम्पल कपाड़िया ने राजेश खन्ना से शादी कर फ़िल्मों को बाय – बाय कह दिया। तो ऋषि कपूर के साथ जोड़ी के तौर पर फिल्ममेकर्स किसी नए चेहरे की तलाश में थे और नीतू सिंह पर जाकर वो तलाश पूरी हुई। इस जोड़ी की पहली फ़िल्म थी “ज़हरीला इंसान” फिर “रफूचक्कर”, “ज़िंदादिल”, “अमर अकबर एंथनी”, “कभी-कभी” जैसी बहुत सी फ़िल्मों में नीतू सिंह और ऋषि कपूर ने साथ में काम किया।

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नीतू सिंह और ऋषि कपूर की ऑन-स्क्रीन केमेस्ट्री इतनी ज़बरदस्त थी कि लोगों को लगता था, वो असल ज़िंदगी में भी डेट कर रहे हैं लेकिन उनका रोमांस शुरु हुआ “कभी-कभी” फिल्म की शूटिंग के दौरान। उन दिनों ऋषि कपूर और नीतू सिंह साथ में बहुत काम कर रहे थे, दो दो तीन-तीन शिफ़्ट होती थीं और दोनों अक्सर एक से दूसरे सेट पर भी साथ में ही चले जाते थे और जब इतना साथ-साथ रहा जाए तो एक आदत तो हो ही जाती है।

उस समय कश्मीर में “कभी-कभी” की शूटिंग चल रही थी तो नीतू सिंह श्रीनगर में थीं और ऋषि कपूर को “बारुद” फ़िल्म की शूटिंग के लिए पेरिस जाना पड़ा। वहां उन्हें नीतू सिंह के लिए अपने प्यार का एहसास हुआ और उन्होंने वहाँ से एक टेलीग्राम लिख कर भेजा कि “सिक्खड़ी बहुत याद आती है’ इस तरह दोनों का रियल लाइफ रोमांस शुरु हुआ। उस समय नीतू सिंह कोई 14- 15 साल की थीं और क़रीब पाँच साल की कोर्टशिप के बाद 1980 में दोनों की शादी हो गई उस समय उनकी उम्र सिर्फ़ 21 साल थी, पर तब तक वो क़रीब 70 फिल्में कर चुकी थीं और अपने करियर की ऊँचाई पर थीं।

नीतू सिंह

नीतू सिंह और ऋषि कपूर 22 जनवरी 1980 को कपूर परिवार के मुंबई के चेंबूर स्थित आर के हाउस में शादी के बंधन में बंधे थे. शादी में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। नीतू सिंह ने हाल में एक इंटरव्यू में बताया कि वो और ऋषि कपूर अपनी शादी में मौजूद लोगों की संख्या को देखकर घबरा गए थे और लगभग बेहोश हो गए थे। उन्होंने खुद को शांत करने के लिए ब्रांडी पी थी, यानी जब वो फेरे ले रहे थे, तब वो नशे में थीं। उन्होंने ये भी बताया कि उनकी शादी में जेबकतरे थे, चूंकि वे सभी तैयार हो कर आए थे तो सबने सोचा कि वे मेहमान थे, इसीलिए वो अंदर घुस गए और किसी का ध्यान नहीं गया। 

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शादी के बाद नीतू सिंह ने फ़िल्मों को अलविदा कह दिया। इस बात का अंदाज़ा सभी को था कि शादी के बाद नीतू सिंह फिल्मों में अभिनय करना छोड़ देंगी क्योंकि तब तक कपूर परिवार में ये सख़्त नियम था कि उस परिवार की महिलाएँ फ़िल्मों में काम नहीं करेंगी। मगर नीतू सिंह का कहना है कि उन्होंने फिल्मों में काम करना अपनी मर्ज़ी से छोड़ा क्योंकि वो बचपन से काम करते-करते थक चुकी थीं और शादी के बाद वो अपना परिवार संभालना चाहती थीं। ऋषि कपूर और नीतू सिंह फ़िल्म इंडस्ट्री के आइडियल कपल थे, जिन्होंने हमेशा एक दूसरे का साथ निभाया। उनके दो बच्चे हैं रणबीर कपूर और रिद्धिमा कपूर। दोनों की शादी हो चुकी है और वो ग्रैंड मदर भी बन चुकी हैं।

हाँलाकि नीतू और ऋषि कपूर की शादी में भी एक बहुत ख़राब दौर आया, जो काफ़ी लम्बा चला और अगर मीडिया रिपोर्ट्स पर विश्वास करें तो नीतू कपूर ने ऋषि कपूर पर घरेलू हिंसा का केस भी दर्ज कराया था। कहा जाता है कि ऐसा हुआ ऋषि कपूर की ज़्यादा शराब पीने की आदत की वजह से। पर कहते हैं न अंत भला तो सब भला , ये परिवार भी उस मुश्किल दौर से निकला और बाद में दोनों अंत तक एक दूसरे के साथ रहे। नीतू कपूर के मुताबिक़ उस दौर में उनके बेटे रणबीर कपूर उनका सहारा बने जो उस वक़्त सिर्फ़ 15 साल के थे। आज भी नीतू सिंह अपने बेटे को अपना बेस्ट फ्रेंड मानती हैं।

नीतू सिंह एक नेचुरल अभिनेत्री

नीतू सिंह

अभिनय छोड़ने के क़रीब 26 साल बाद उन्होंने फ़िल्मों में फिर से वापसी की। और ज़्यादातर में उन्होंने अपने पति ऋषि कपूर के साथ ही स्क्रीन शेयर की। पहले लव आजकल में एक छोटा सा स्पेशल अपीयरेंस किया फिर दो दूनी चार, बेशरम जिसमें उनके बेटे रणबीर कपूर हीरो थे। हाल ही में उनकी एक और फ़िल्म रिलीज़ हुई है जुग-जुग जियो, जो ऋषि कपूर की मौत के बाद उनकी पहली फ़िल्म है।

पर नीतू सिंह की कहानी सिर्फ़ ऋषि कपूर या कपूर परिवार तक ही सीमित नहीं है, उनके बारे में और बहुत कुछ है जो अभिनेत्री के तौर पर उन्हें अलग खड़ा करता है। नीतू सिंह जिन्होंने बतौर हेरोइन लाखों युवाओं के दिलों पर राज किया और युवा लड़कियों की आइडल रही। वो अमूमन एक चुलबुली या प्यारी सी लड़की के रोल में नज़र आती थीं।

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लेकिन जब भी कोई मेच्योर या इंटेंस रोल उन्हें मिलता वो उसे भी उतनी ही आसानी से निभा लेती थीं। कभी ऐसा लगा ही नहीं कि वो एक्टिंग कर रही हैं। मल्टीस्टारर फ़िल्म्स में भी वो भीड़ में खोई नहीं बल्कि उनके सीन्स याद रह जाते हैं चाहे वो “काला पत्थर” की चूड़ी बेचने वाली हो या “अमर अकबर एंथनी” की सलमा। “प्रियतमा” में रोमांस और शादी के अंतर में उलझती डॉली हो या “दूसरा आदमी” में अपनी शादीशुदा ज़िंदगी के क्राइसिस से निपटती टिम्पसी। इन सबके अलावा कमर्शियल फ़िल्म्स के ग्लैमरस रोल्स तो उन्होंने बखूबी किये ही।  

नीतू सिंह पर फ़िल्माए कुछ मशहूर गाने 

  • लेकर हम दीवाना दिल – यादों की बारात 
  • जीवन के हर मोड़ पे – झूठा कहीं का 
  • एक मैं और एक तू – खेल खेल में 
  • पहले पहले प्यार की मुलाक़ातें याद हैं – द ग्रेट गैम्बलर 
  • तुमको मेरे दिल ने पुकारा है  – रफूचक्कर
  • किसी पे दिल अगर आ जाए तो क्या होता है – रफूचक्कर
  • तेरे हाथों में पहना के चूड़ियाँ – जानी दुश्मन 
  • हाय रे हाय तेरा घुँघटा – ढोंगी
  • तेरे चेहरे से नज़र नहीं हटती – कभी कभी 
  • आँखों में काजल है – दूसरा आदमी 
  • मेरी दूरों से आई है बारात – काला पत्थर 
  • जीना क्या अजी प्यार बिना  – धन दौलत 
  • मिले जो कड़ी-कड़ी एक तस्वीर बने – कसमे वादे 
  • आइए शौक़ से कहिए – परवरिश
  • जाते हो जाने जाना – परवरिश
  • मेरे प्यार की आवाज़ पे चली आना – राजमहल 
  • हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या कहें – अमर अकबर एंथनी 
  • कह दूँ तुम्हें या चुप रहूँ – दीवार
  • मैंने तुझे माँगा तुझे पाया है – दीवार
  • बंद हो मुट्ठी तो लाख की – धर्मवीर
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