अमजद ख़ान

अमजद ख़ान वो नाम जिसके बारे में सोचते ही सबसे पहले शोले के गब्बर सिंह का चेहरा याद आता है। और रोमांस…… रोमांस तो कहीं से भी अमजद ख़ान की छवि के साथ सूट नहीं करता। करता उनकी ज़िंदगी में प्यार एक बार नहीं दो-दो बार आया। 

कौन सोच सकता है कि परदे पर खूँखार दिखने वाला गब्बर सिंह भी कभी रोमांस कर सकता है? परदे पर बसंती को नचानेवाले और बहुत सी हेरोइन को धोखा देने, उनकी ज़िन्दगी बरबाद करने वाले अमजद ख़ान की ज़िंदगी में पहली बार प्यार ने दस्तक दी जब वो नौजवान थे। उसी दौरान किसी की ख़ूबसूरती के इस क़द्र दीवाने हुए कि फिर लाख विरोध के बावजूद शादी करके ही दम लिया। उनकी ज़िंदगी की इस असल फ़िल्म में क्या नहीं है ? रोमांस, ड्रामा, विलैन बना परिवार और जैसा कि कहानियों और फ़िल्मों में कहते हैं हैप्पी एंडिंग।

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अमजद ख़ान को स्कूल में पढ़ने वाली 14 साल की लड़की से प्रेम हुआ

ये तब की बात है जब अमजद ख़ान ग्रेजुएशन कर रहे थे, वो गंभीर स्टूडेंट थे और विलियम वर्ड्सवर्थ और कीट्स की कविताओं के शौक़ीन भी। उस वक़्त किसी को अंदाज़ा भी नहीं था कि सोसाइटी के इस भले लड़के की गिनती एक दिन इंडस्ट्री के खूंखार खलनायकों में की जाएगी। अमजद ख़ान अपने पिता ज़कारिया ख़ान के साथ बांद्रा की एक सोसाइटी में रहते थे। ज़कारिया ख़ान का फ़िल्मी नाम था जयंत जो एक वक़्त में हिंदी फ़िल्मों के डैशिंग हीरो थे और उनकी खलनायकी का चरम आपने “संघर्ष” फ़िल्म में देखा होगा! 

अमजद ख़ान
अमजद ख़ान के पिता और ससुर

अमजद ख़ान जिस बिल्डिंग में रहते थे वहीं एक स्कूल में पढ़ने वाली लड़की भी रहती थी जिसके साथ वो अक्सर बैडमिंटन खेला करते थे, और उसी उम्र में वो उस लड़की को दिल दे बैठे थे जिसका नाम उसकी आखों को कॉम्प्लीमेंट करता था – शहला। शहला के पिता थे हिंदी फ़िल्मों में गीत लिखने वाले अख़्तर-उल-ईमान जो एक तरक़्क़ीपसंद पिता थे और उस  दौर में भी अपनी बेटी की पढ़ाई को लेकर बहुत गंभीर थे। अख़्तर-उल-ईमान और जयंत एक दूसरे के अच्छे दोस्त थे।

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लड़की का परिवार बना विलेन 

जिस वक़्त अमजद ख़ान शहला की तरफ़ अट्रैक्ट हुए उस वक़्त वो सिर्फ़ 14 साल की थीं और जब अमजद ख़ान ने उनसे उनकी उम्र के बारे में पूछा तो उन्होंने साफ़-साफ़ बता दिया। तब अमजद ख़ान ने दोबारा उनसे कहा – जल्दी से बड़ी हो जाओ मैं तुमसे शादी करने वाला हूँ। उस वक़्त शायद शहला प्यार-मोहब्बत के बारे में बहुत ज़्यादा जानती नहीं थीं। जानती तो वो अपने नाम का मतलब भी नहीं थीं, वो भी अमजद ख़ान ने ही उन्हें बताया – काली आँखों वाली। मगर इस काली आँखों वाली को अमजद ख़ान का सेल्फ़ कॉन्फिडेंस बहुत पसंद आया था। 

अमजद ख़ान
अमजद ख़ान और शहला ख़ान

अमजद ख़ान ने अपने इस प्यार के बारे में अपने घर में खुलकर बता दिया और कुछ ही दिन बाद अमजद ख़ान के घर से शहला के घर पर रिश्ता पहुँच गया। मगर अख़्तर-उल-ईमान ने ये कहते हुए रिश्ता ठुकरा दिया कि शहला अभी बहुत छोटी है। लेकिन ये सुनते ही अमजद ख़ान के पश्तून ख़ून में उबाल आ गया वो ग़ुस्से से आग-बबूला हो गए और शहला से कहा – “तुमने मेरा रिश्ता ठुकरा दिया…. ऐसा अगर मेरे गाँव में हुआ होता तो मेरे परिवार वाले तुम्हारी तीन पीढ़ियों को नेस्तनाबूत कर देते।”

शहला के पिता ने दोनों प्रेमियों को दूर कर दिया 

मगर इस ग़ुस्से के पीछे जो प्यार था वो लगातार बढ़ता गया। तब शहला को इस प्यार की लपट से बचाने के लिए और आगे की पढ़ाई के लिए अलीगढ़ भेज दिया गया। उस वक़्त अमजद ख़ान ने राब्ता क़ायम रखने के लिए ख़तों का सिलसिला शुरु कर दिया। प्यार की आँच शहला के दिल तक भी पहुँच चुकी थी तो वहाँ से भी जवाब आने लगे। और फिर क़िस्मत ने उनका साथ दिया, शहला अलीगढ़ में बहुत ज़्यादा बीमार हो गईं उन्हें वापस मुंबई लाना पड़ा और उनकी आगे की पढ़ाई फिर मुंबई से ही हुई।

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शहला के मुंबई आने के बाद दोनों के प्यार में एक गहराई आई। अमजद खान ने अपना मास्टर्स पर्शियन से किया था और शहला ने भी कॉलेज में एक लैंग्वेज पर्शियन ली थी तो वो शहला को पर्शियन पढ़ाने में मदद करते। दोनों साथ में हैंगआउट भी करते, आम कपल की तरह अपने कोर्टशिप के दिनों में दोनों ने फ़िल्म भी देखी इंग्लिश मूवी “मोमेंट टू मोमेंट” फ़िल्म के नाम की तरह पल-पल दोनों का प्यार गहराता जा रहा था। अमजद ख़ान शहला की हर पसंद का ख़्याल रखते थे। जब भी उनसे मिलते तो वेफर्स लेकर जाते क्योंकि शहला को वेफर्स बहुत पसंद थे। 

अमजद ख़ान के बारे में ये सब सुनना अजीब लग सकता है मगर सच यही है कि वो अपनी पर्सनल लाइफ में बहुत केयरिंग थे, अपने परिवार का बहुत ख़्याल रखते थे। शहला बड़ी हो चुकी थीं और अमजद ख़ान ने भी फ़िल्मों में संघर्ष की राह चुन ली थी। तो शहला के घर दोबारा रिश्ता भेजा गया और इस बार ख़ुशी-ख़ुशी उस रिश्ते को स्वीकार कर लिया गया और आख़िरकार 1972 में दोनों की शादी हो गई। जिस दिन उनकी पहली औलाद शादाब का जन्म हुआ उसी दिन अमजद ख़ान को वो यादगार रोल ऑफर हुआ जिससे उनके सारे संघर्ष का फल मिल गया।
अमजद ख़ान पत्नी और बच्चों के साथ  
अमजद ख़ान पत्नी और बच्चों के साथ

पहली औलाद के जन्म के साथ ही मिला सबसे बड़ा मौक़ा

“शोले” वो फ़िल्म जिसका हर किरदार अमर हो गया ख़ासकर गब्बरसिंह। अमजद ख़ान की शरीक़-ए-हयात शहला ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि “शोले” की रिलीज़ के बाद एक दिन वो दोनों शादाब को लेकर जुहू बीच पर गए थे तभी लोगों का हुजूम उनकी तरफ़ आता हुआ दिखाई दिया। अमजद ख़ान ने शादाब को जल्दी से गोद में उठाया और और कहा “भागो” वो लोग बड़ी मुश्किल से गाड़ी में बैठ पाए।

अमजद ख़ान

इसी तरह का क्रेज़ हैदराबाद में देखने को मिला जब एयरपोर्ट से होटल तक का रास्ता उन्होंने पुलिस जीप में तय किया। उस वक़्त रोड के दोनों तरफ़ लोगों की भारी भीड़ जमा थी तब शहला ने हैरत से पूछा कि क्या ये लोग तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं ?  तब अमजद ख़ान ने सरकास्टिक होते हुए कहा कि कालिदास की बीवी भी उन्हें मूर्ख समझती थी।

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अमजद ख़ान की ज़िंदगी में जब दूसरी मोहब्बत का प्रवेश हुआ  

अपनी रील लाइफ़ में बेहद क्रूर और हर तरह का ग़लत काम करने वाले अमजद ख़ान अपनी रियल लाइफ़ में बेहद सादा और पारिवारिक व्यक्ति थे घर में उनका कण्ट्रोल था, पर ख़ौफ़ नहीं था। वो अपने बच्चों से बेहद प्यार करते थे और उनके साथ खेला करते थे। वो इतने सेंसिटिव थे कि बच्चों के ज़ख्म देखकर ख़ुद भी रो दिया करते थे। मगर एक वक़्त ऐसा आया था जब अमजद ख़ान और शहला की निजी ज़िन्दगी में हलचल मच गई थी जब अमजद ख़ान का नाम डाँसर-एक्ट्रेस कल्पना अय्यर से जोड़ा गया। उस वक़्त ये अफेयर बहुत चर्चा में रहा। 

अमजद ख़ान
अमजद ख़ान कल्पना अय्यर के साथ

फ़िल्मी मगज़ीन्स की माने तो उस समय शहला ने कल्पना अय्यर को थर्ड रेट, sub-standard कहा था और ये भी कि उनका पति ऐसी लड़कियों के पीछे नहीं जाता। मगर कल्पना अय्यर के मुताबिक़ अमजद ख़ान और उनकी वाइब्स मिलती थीं और दोनों एक दूसरे से हर टॉपिक पर बात करने में कम्फर्टेबल थे मगर उनके बीच कभी अफेयर नहीं रहा। कल्पना अय्यर जब मॉडल थीं तो एक बार उनके किसी शो में अमजद ख़ान जज बनकर गए थे और वहाँ उन्हें देखकर अमजद ख़ान ने अपने पास बैठे एक प्रोडूसर से कहा था कि ये लड़की एक दिन हेरोइन बनेगी। मगर उस वक़्त तक दोनों एक दूसरे को जानते भी नहीं थे। 

कल्पना अय्यर ने ताउम्र शादी नहीं की 

अमजद ख़ान और शहला की पहली मुलाक़ात एक स्टूडियो में हुई थी और कहते हैं कि उसी मुलाक़ात में कल्पना अय्यर और उनके तार जुड़ गए थे। ये भी जाता है कि कल्पना अय्यर उन्हें दिल की गहराइयों से चाहती थीं, और इसीलिए अमजद खान के जाने के बाद भी उन्होंने शादी नहीं की। हाँलाकि अमजद ख़ान उनसे शादी भी कर सकते थे आखिर उन्हें 4 शादियों की इजाज़त थी पर कल्पना उनके परिवार को नहीं तोडना चाहती थीं, वो अपने हिस्से आए प्यार में ही ख़ुश थीं। 

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हाल के एक इंटरव्यू में शहला ने जो कहा उसके मुताबिक़ उन्हें हमेशा से अपने पति पर भरोसा था इसीलिए उन्होंने कभी ड्राइवर या स्पॉटबॉय से पूछताछ नहीं की कि वो कहाँ जाते हैं किससे मिलते हैं और अमजद ख़ान के व्यवहार से भी उन्हें कभी ऐसा नहीं लगा कि उनकी शादी किसी ख़तरे में है। साथ ही ये भी कहा कि एक स्टार की पत्नी होने का कुछ खामियाज़ा तो भुगतना ही पड़ता है। रोज़-रोज़ आने वाली अफ़ेयर की ख़बरें बेचैन भी करती थीं मगर अमजद ख़ान एक बहुत ही समझदार पति थे, रोज़-रोज़ प्यार नहीं जताते थे मगर जो भी बात होती साथ बैठकर बात करते और सब ठीक हो जाता।

अमजद ख़ान

अमजद ख़ान का एक्सीडेंट और मौत 

सच जो भी हो पर हर रिश्ते की तरह शहला और अमजद ख़ान के रिश्ते में भी उतार चढ़ाव आए लेकिन दोनों उन से आसानी से उबर गए। मगर ज़िन्दगी उतनी भी आसान नहीं रही जितनी दिखाई देती है। 1976 में एक फिल्म आई थी – the ग्रेट गैम्बलर।  फिल्म की शूटिंग गोवा में थी वहीं से लौटते हुए अमजद खान और शहला का एक बहुत भयानक एक्सीडेंट हुआ। उस एक्सीडेंट में दोनों की जान तो बच गई मगर अमजद ख़ान को बहुत से फ्रैक्चर हुए। वो ठीक तो हो गए मगर दवाओं, इंजेक्शन के असर के कारण उनका वज़न बढ़ता चला गया।

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हाँलाकि अमजद ख़ान हमेशा से फिटनेस फ्रीक थे मगर इस एक्सीडेंट के बाद वो हार्ड एक्सरसाइज नहीं कर सकते थे, खेल नहीं सकते थे उस पर मीठा खाने का शौक़…  इस सब का असर उनकी सेहत पर पड़ा। 27 जुलाई 1994 को सिर्फ़ 51 साल की उम्र में उन्हें अटैक आया और वो इस दुनिया से चले गए। उनकी और शहला के प्यार की गृहस्थी सिर्फ़ 20 साल चली। लेकिन इस दौरान हर अच्छे-बुरे वक़्त में वो दोनों एक दूसरे का मज़बूत सहारा बने रहे। प्यार इसी को तो कहते हैं और ऐसे ही प्यार की तमन्ना हर इंसान करता है। 

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